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    Bird Flu Alert: शिकारीपाड़ा में मर रहे पक्षी, बर्ड फ्लू की आशंका से सहमे लोग; धनबाद में चिकेन मार्केट धड़ाम

    By MritunjayEdited By:
    Updated: Mon, 11 Jan 2021 01:39 PM (IST)

    दुमका के पोखरिया गांव में पक्षियों के मरने की सूचना के बाद प्रखंड प्रशासन रेस है। प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में अधिकारियों और चिकित्सकों ने गांव का दौरा किया। बीडीओ ने ग्रामीणों से जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिया।

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    दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड के पोखरिया गांव में मरे पड़े पक्षी।

    दुमका/ धनबाद, जेएनएन। हालांकि आधिकारिक रूप से झारखंड में बर्ड फ्लू के दस्तक देने की पुष्टि नहीं हुई है। लेकिन झारखंड में तेजी से पक्षियों की माैत हो रही हैं। इसके बर्ड फ्लू का ही असर माना जा रहा है। झारखंड के संथाल परगना में तो बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हो रही हैं। सोमवार सुबह दुमका जिले के शिकारीपाड़ा के मोहलपहाड़ी पंचायत के पोखरिया गांव में कौआ और मैना मरे हुए पाए गए हैं। इससे बर्ड फ्लू फैलने की आशंका जतायी जा रही है। गांव के ग्रमीणों के मुताबिक सुबह ग्रामीणों की नजर मरे हुए कौआ और मैनों पर पड़ी तो वे लोग परेशान हो गए। इसकी सूचना ग्रमीणों ने प्रखंड प्रशासन को दे दी। 

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    प्रखंड विकास पदाधिकारी ने किया पोखरिया गांव का दाैरा

    पोखरिया गांव में पक्षियों के मरने की सूचना के बाद प्रखंड प्रशासन रेस है। प्रखंड विकास पदाधिकारी संजीव कुमार के नेतृत्व में अधिकारियों और चिकित्सकों ने गांव का दौरा किया। बीडीओ ने ग्रामीणों से जानकारी ली और आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मरे हुए पक्षियों की जांच होगी। इसके बाद साफ हो जाएगा कि पक्षियों की माैत का कारण क्या है? 

     बर्ड फ्लू की चर्चा मात्र से ही धनबाद में कम हुआ चिकन का रेट

     देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू अब दस्तक दे चुका है। कई पक्षी और मुर्गे मर रहे हैं। इसकी आहट अब धनबाद में भी सुनाई देने लगी है। अभी तक बर्ड फ्लू का एक भी केस धनबाद में तो सामने नहीं आया है, लेकिन इसकी चर्चा मात्र से ही चिकन का रेट कम हो गया है। दो-तीन दिन पहले 140 से 145 रुपये में बिकने वाला खड़ा चिकन इस समय 110 रुपये किलो बिक रहा है। सिर्फ एक ही काम नहीं हुआ है बल्कि खरीदने वालों की संख्या में भी कमी आयी है।

     120 रुपये किलो का मुर्गा 90 में

    बिनोद बिहारी चौक में चिकन बेचने वाले विजय गोप बताते हैं कि हर दिन 60 से 70 किलो चिकन बिक जाए करता था। रविवार को तो एक क्विंटल से अधिक चिकन बिकता था। इस समय 20 से 30 किलो चिकन बेचना भी मुश्किल हो रहा है। रविवार को तो इस बार सिर्फ 30 किलो ही चिकन बिका। इसलिए रेट कम करना पड़ गया, फिर भी कस्टमर नहीं आ रहे हैं। बरटांड़ में चिकन बेच रहे सुरेश कुमार बताते हैं कि बर्ड फ्लू के नाम पर लोग अब चिकन खरीदना नहीं चाह रहे हैं। धंधे पर इसका असर पड़ा है। वैसे तो 110 से 120 रुपये  किलो में बेच रहे हैं, लेकिन कस्टमर वापस न लौटे इसलिए 90 से 100 रुपये में भी बेच दे रहे हैं। 

    चिकन के चक्कर में बढ़ गया मछली का रेट

    चिकन का रेट क्या बढ़ा लोग अब मछली पर ज्यादा जोर देने लगे हैं। पिछले दो दिन से मछली के रेट में भी इजाफा हुआ। रोहू मछली इस समय 180 रुपये किलो बिक रही है। इसी तरह कतला 250 से 290, पंगाय 120 से 140 और चिंगडी मछली 60 से 70 रुपये किलो बिक रही है।